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Sunday, May 2, 2021

भगवा ही है रंग मेरा

                                     


Dead To Write

भगवा ही है रंग मेरा,

भगवा ही पहचान ।

सूत्र धारी अंग मेरा,

जनेऊ ही वरदान।

तिलक शिसोभित मस्तक रेखा,

कंठ में रुद्राक्ष।

भला हो या बुरा धरती पर,

सबको मेरी आस।

रुद्र का वंशज हू मे,

तेजस मेरी चाल।

अर्जुन सी मस्तक रेखा,

कर्ण जैसा बलवान।

1 comment:

 सोचता हु कभी दो अल्फाजों में लिख दू तुम्हे, पर तुमसे जुड़ पाए ऐसे अल्फाज नहीं बनते, और यूं ख़ामोश हुई हो तुम खुद से, की तुम्हे बयां कर सकूं...